आयुर्वेदिक शास्त्र : शब्दार्थ एव परिभाषाएँ

 

ayurved ke shabdarth

आयुर्वेद में दीपक क्या होता है ?

जो द्रव्य जठराग्नि को तो बढ़ाएं जिससे भुख खुलती है पर पाचन शक्ति न बढाए उसे दीपक कहते हैं - जैसे सौंफ। दीपन करना माने अग्नि तेज करना।

आयुर्वेद में पाचक क्या होता है ? 

खाये हुए द्रव्य का पाचन तो कर पर दीपन न करे उसे पाचक कहते हैं जैसे नागकेसर ! आम खाये हुए अन्न की आम कहते हैं और अननलिका द्वारा अन्न जहाँ पहुंचता  है उस आग को आमाशय याने आम का स्थान कहा जाता है। इसी आम का पाचन होने पर रस रक्त आदि धातुए बनती हें। 

आयुर्वेद में ग्राही क्या होता है ? 

जो दीपन व पाचन दोनो कार्य कराये और अपने गुण से जलीयाश को सुखा दे उसे ग्राही कहते हैं जैसे सोंठ |

आयुर्वेद में अनुलोमन क्या होता है ?  

नीचे की तरफ गति करना, अपक्व मल को पका कर जो द्रव्य अधोगति द्वारा नीचे ले जाकर शरीर से बाहर कर दे उसे अनुलोमक कहते हैं जैस छोटी हरड़। 

आयुर्वेद में बिलीमन  क्या होता है ?

ऊपर की ओर गति करना । वायु कुपित होकर ऊपर की ओर चढती है तो इसे विलोमन कहते हैं । 

आयुर्वेद में विरेचक क्या होता है ?

पके या अधपके मल को पतला करके दस्त द्वारा जो द्रव्य मल को बाहर कर दे उसे विरेचक कहते हैं जैसे त्रिफला। 

आयुर्वेद में वामक क्या होता है ?

कच्चे पित्त कफ या खाये हुए आहार को बलपूर्वक (उलटी द्वार) वापिस सुख के द्वारा बाहर निकाल दे उसे वामक कहते हैं। जैस मैन फल । 

आयुर्वेद में स्निग्ध क्या होता है ?

चिकने, सौम्य और स्नेहन करने वाले पदार्थ जैसे घी तैल आदि।

आयुर्वेद में गुरु क्या होता है ?

भारी पदार्थ जैसे अस्बी । 

आयुर्वेद में लघु क्या होता है ? 

हलके पदार्थ जैसे मूंग। 

आयुर्वेद में रसायन क्या होता है ? 

जो द्रव्य व्याधि और बुढ़ापे को दूर रख कर शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढाए और धातुओं की वृद्धि करे। जैसे हरड, आंवला आदि। 

आयुर्वेद में वाजीकरण क्या होता है ? 

शरीर में बल वीर्य की वृद्धि और कामशक्ति पैदा करना। जो पदार्थ वाजीकरण करते हें उन्हें वाजीक़ारक कहते हैं जैसे अश्वगंधा, कौंच के बीज आदि। 

आयुर्वेद में त्रिकुट क्या होता है ? 

सोठ, पीपल काली मिर्च । 

आयुर्वेद में त्रिफला क्या होता है ? 

हरड, बहेडा, आंवला | 

आयुर्वेद में चातुर्जात क्या होता है ? 

नागकैसर, तेजपात दालचीनी इलायची। 

आयुर्वेद में पंचकोल क्या होता है ? 

सोठ पीपल, पीपलामूल चित्रक। 

आयुर्वेद में लघु पंचमूल क्या होता है ? 

छोटी कटेरी, बडी कटेरी, शालपर्णी पुश्निपर्णी तथा गोखरु। 

आयुर्वेद में बृहत पंचमूल क्या होता है ? 

बिल्व, गम्भारी, अरणी, पाटला, श्योनाक। 

आयुर्वेद में प्रचाग क्या होता है ? 

पते, फूल बीज फल जड़। 

आयुर्वेद में काढा करना क्या होता है ? 

द्रव्य को पानी में इतना उबाला जाय कि पानी जल कर चौथाई भाग रह जाए तो इसे काढा करना कहते हैं। 

आयुर्वेद में भावना देना  क्या होता है ?

किसी द्रव्य के रस में उसी द्रव्य के चूर्ण को गीला करके सुखाना भावना देना है। जितनी भावना देना हो उतनी बार द्रव्य के रस में चूर्ण को गोला कर सुखाना चाहिए। 

आयुर्वेद में स्वरस क्या होता है ?

किसी द्रव्य के रस को ही उसका रस याने स्वरस कहते हैं। 

आयुर्वेद में त्रिदोष क्या होता है ? 

वात पित्त कफ जब सामान्य स्थिति में हों तो धातु कहे जाते हैं और कुपित होने पर इन्हें दोष कहा जाता है। 

आयुर्वेद में सप्त धातु क्या होता है ?

हमारे खाये हुए अन्न को पेट में जाने पर आम कहते हैं आम का उचित पाचन होने पर रस, रक्त, माँस, मेद (चर्बी) अस्थि (हड्डी) मज्जा और शुक्र नामक  सात घातुयेँ क्रमश बनती हैं। 

आयुर्वेद में सन्निपात क्या होता है ? 

जब तीनों दोष कुपित हो जाते हैं तब सन्निपात की स्थिति पैदा हो जाती है । 

आयुर्वेद में षडरस क्या होता है ?

पाचन करने के लिए रस सहायक होते हैं और ये रस छ होते हैं - मधुर, लवण, अम्ल, तिक्त, कटु और कषाय। 

आयुर्वेद में निदान क्या होता है ?

किसी रोग के कारणों का पता चलाने और उसके लिए उचित चिकित्सा का निर्धारण करने का विचार करना निदान  कहलाता है। 

आयुर्वेद में शमन क्या होता है ? 

जो पदार्थ दोषों को शुद्ध नहीं करता तथा समान दाषों को बढाता नहीं लेकिन कम या बढ़े हुए दोषों को सम करे उसे शमन कहते हैं। 

आयुर्वेद में शुक्रल क्या होता है ? 

जो द्रव्य शरीर में वीर्य की वृद्धि करते हैं। 

आयुर्वेद में रूक्ष क्या होता है ? 

रूख, वातवर्द्धक और कफनाशक पदार्थ। 

आयुर्वेद में चुष्य क्या होता है ?

धाव भरने वाला व पोषण करने वाला पदार्थ ।

आयुर्वेद में अतिसार क्या होता है ?

बार बार पतले दस्त होना। 

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